अगर आपको हमारी कहानी पसंद आए तो प्लीज हमारे चैनल को लाइक और सब्सक्राइब जरूर करें। नायरा की सांसे तेज चल रही थी। वह हॉस्टल के बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी थी। उसके बाल बिखरे हुए थे और चेहरा डर से सफेद पड़ चुका था। लेकिन उसके हाथ कांप रहे थे। उस रात पहली बार नायरा को पछतावा कि वह देर रात तक पढ़ने की आदत क्यों नहीं छोड़ती। 5 साल पहले इसी बोर्डिंग स्कूल के गर्ल्स हॉस्टल में एक दुखद घटना हुई थी। नौवीं कक्षा की होनहार छात्रा अनुष्का की पांचवी मंजिल के एक कमरे में रहस्यमय मौत हो गई थी। ना कोई आत्महत्या का सुराग मिला ना ही
हत्या का। पुलिस ने केस बंद कर दिया। लेकिन अफवाहें जिंदा रही कि अनुष्का की आत्मा अब भी पांचवी मंजिल पर भटकती है। अब वही हॉस्टल, वही फ्लोर जहां नायरा और सिया साथ रहते थे। सिया सुबह पढ़ती और नायरा पूरी रात सिया हमेशा अपनी मां का दिया हुआ काला धागा पहनती थी और चश्मा लगाए बिना कभी नहीं दिखती थी। 10 दिसंबर की रात रात के 12:30 नायरा पढ़ाई कर रही थी। सिया गहरी नींद में थी। नायरा का गला सूखने लगा और वह कॉफी लेने कॉरिडोर की ओर चल दी। हॉस्टल में सन्नाटा था। कॉफी मशीन की आवाज के अलावा कुछ नहीं। जैसे ही नायरा ने मशीन बंद की और मुड़ी उसके हाथ से मग गिर गया।
उसके पीछे सिया खड़ी थी लेकिन कुछ अजीब था। सिया ने चश्मा नहीं पहना था। हाथ में काला धागा भी नहीं था और उसका चेहरा अंधेरे में आधा छिपा हुआ था। सिया ने धीरे से कहा। चलो पांचवी मंजिल की बालकनी में चलते हैं। नायरा हैरान रह गई। उससे पहले कि वह कुछ कहती। सिया ने उसका हाथ पकड़ कर सीढ़ियों की ओर खींच लिया। जब वे सीढ़ियां चढ़ रहे थे, नायरा को एक और बात अजीब लगी। सिर्फ उसकी चप्पलों की आवाज आ रही थी। सिया नंगे पैर थी। फ्लोर का दरवाजा खुला था जो हफ्ते में सिर्फ एक दिन साफ सफाई के लिए खुलता था। वह दोनों उस मंजिल पर पहुंचे और एक कमरे
में घुस गए। यह वही कमरा था जहां अनुष्का मरी थी। कमरे की दीवारों पर जमी धूल में एक चीज ने नायरा को जड़ कर दिया। दीवार पर नाखून से लिखा था 10 दिसंबर। बालकनी की तरफ जाते हुए सिया ने नायरा की ओर मुड़कर देखा। उसकी आंखें पूरी सफेद थी। चेहरे पर अजीब सी मुस्कान थी। सिया बोली, जंप करो। नायरा समझ नहीं पा रही थी कि सिया उसे नीचे कूदने को क्यों कह रही है। वो कांपने लगी। सिया की आवाज तेज और भारी होती गई। जंप जंप जंप। नायरा की आंखें बंद होने लगी। वह जैसे सम्मोहित हो रही थी। उसने अपने बाल खोल दिए। वे बाल ऐसे उड़ने लगे जैसे कोई ताकत
उस पर हावी हो रही हो। लेकिन तभी नीचे के फ्लोर से किसी चीज के गिरने की जोरदार आवाज आई। वो आवाज नायरा को होश में ले आई। उसने सिया को धक्का दिया और वहां से भाग गई। पीछे से एक भयानक दहाड़ की आवाज आई। लेकिन नायरा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। रूम में पहुंचकर जब नायरा ने दरवाजा बंद किया और मुड़ी तो उसने जो देखा उसके तो पैरों तले जमीन खिसक गई। सिया उसी करवट में गहरी नींद में सो रही थी जैसे वह कभी उठी ही नहीं थी। नायरा ने डर से उसे उठाया। सिया ने उसकी हालत देखी और गले लगा लिया। लेकिन नायरा उस रात कुछ नहीं कह सकी। अगले दिन से नायरा ने रात में पढ़ना
बंद कर दिया। वह चुपचप रहने लगी। जब सिया ने दोबारा उससे उस रात के बारे में पूछा तो नायरा ने सच-सच सब कुछ बता दिया। सिया हिल गई क्योंकि उसे याद आया कि अनुष्का की मौत भी 10 दिसंबर को ही हुई थी। जिस दिन वह सब हुआ ठीक उसी दिन अब यह सिर्फ कहानी नहीं रही थी। वह सब सच था। तब से दोनों लड़कियों ने उस मंजिल के बारे में कभी बात नहीं की। लेकिन आज भी वह रात उनके ज़हन में जिंदा है। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो तो हमारे चैनल कार्टून टेल्स को जरूर सब्सक्राइब करें। अगली बार फिर मिलेंगे एक और रूह का पा देने वाली कहानी के sath