chudail

Bihar Ki Aadamkhor Chudail || horror story

आज से लगभग 5 साल पहले बिहार के एक छोटे से गांव में घटी हुई ऐसी दिल दला देने वाली घटना की कहानी लेकर आ गए हो ना कि सुनकर दिमाग खराब हो जाएगा दिल दहल जाएगा इसलिए कमजोर दिल वाले इस वीडियो को सुने देखें तो थोड़ी हिम्मत बांध कर देखें क्योंकि बहुत खतरनाक टर्न य लेगी कहानी थोड़ी आगे बढ़ने के बाद 2019 के टाइम पे इस छोटे से गांव में अफवा फैली हुई थी अफवा फैली हुई थी कि सच्चाई थी मालूम नहीं मैं कह नहीं सकता टिप्पणी नहीं दे सकता लेकिन यह बात ( aap dekh rahe chudail ki kahani)

फैली हुई थी कि हमारे गांव के थोड़े आउटर वाले इलाके में एक जो मैरेज हॉल है वहां पर भूतों का मेला लगता है रात के टाइम पे वहां पर रात के 12:00 बजे के ठीक बाद से ढेर सारे भूत प्रेत एक्टिवेट हो जाते हैं हंसते हैं चीखते हैं चिल्लाते हैं रोते हैं गाते हैं नाचते हैं पता नहीं क्या-क्या करते हैं लेकिन कई सारे भूत वहां पर होते हैं गांव के बहुत सारे लोग इस बात के ऊपर विश्वास करते थे तो बहुत सारे लोग कहते थे कि अरे क्या कुछ भी यार सही में भूत प्रेत थोड़ी होते हैं आज के टाइम पे बहुत पहले के टाइम पर होते रहे होंगे जब दुनिया बहुत मतलब बहुत कम डेंसली

( aap dekh rahe chudail ki kahani) पॉपुलेशन लगती है दरअसल 70 साल पहले उस गांव में उस मैरिज हॉल में एक बारात आई हुई थी बाराती लोग सारे वहां पर ठहरे थे रात के टाइम अपनी कोई रिचुअल करके सो रहे थे और वहां पर आग लग गई जितने भी लोग थे बारात के सब झुलस करर खत्म हो गए थे उसमें ज्यादातर लोग कुंवारे भी थे तो उन्हीं की शादी अभी तक हो रही है वहां पर आज तक वो बारात लगी हुई है ऐसी तरह तरह की बातें जितने मुह उतनी बातें इस गांव में ऐसे ही एक राघव नाम का लड़का रहता था और वह इन बातों के ऊपर बिल्कुल भी ट्रस्ट नहीं करता था ना वो यह मानता था कि इस जगह पर भूतों का मेला

लगता है ना वो यह मानता था कि यहां पर भूतों की बारात लगती है उसको यह भी ट्रस्ट नहीं होता था कि यहां पर एक का दुख का भी भूत हो सकते हैं वो कहता था कि नहीं ये सारी फालतू ही फालतू बातें हैं 2019 की दिवाली के टाइम पे उसकी मौसी जी उसके घर पर फोन करती है और बोलती है कि मेरे बेटे जो कि दोनों दिल्ली में रहते हैं वो दिवाली घर पर नहीं आ पा रहे मैं बहुत अकेली अकेली सी फील करूंगी तो राघव को भेज दो ना यानी मौसी जी ने राघव को अपने घर पर बुलाई राघव ने बोला कि ठीक है मैं आपके घर आ तो जाऊंगा आपके घर की दिवाली की पूजा में भी रहूंगा लेकिन फिर मैं फटाके हटाके

फोड़ने के लिए अपने गांव वापस आ जाऊंगा अपने दोस्तों से मिलूंगा जुलू का दिवाली उनके साथ भी सेलिब्रेट करनी मुझे मौसी जी ने बोली कि ठीक है तू आा तो राघव दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस वाली रात को मौसी जी के घर पर चले गया मौसी जी का जो गांव है राघव के गांव से यानी जहां पर ये जो भूतिया मैरिज हॉल है उस गांव से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है तो राघव साइकिल से ही चले गया था और राघव ज्यादा बड़ा भी नहीं था उम्र में मतलब यही समझ लो 1819 साल के आसपास की एज ग्रुप रही होगी उसकी मौसी जी के घर पर चले गए और दिवाली की जो पूजा हुई है रात के टाइम वो बस मौसी जी को

बोला कि अब मैं निकल रहा हूं मुझे अपने दोस्तों से भी मिलना है तो रात के 8 8:30 बजे के आसपास वो अपनी साइकिल में सवार होता है और अपने गांव आने लगता है मौसी जी के गांव से इसके गांव के बीच में वो मैरेज हॉल पड़ता था रात के टाइम अब यह मौसी जी के घर से अपने घर की तरफ जा रहा है रास्ते में वह मैरेज हॉल आया उसी टाइम देखो अब इसको क्या कहेंगे लकी ली अनलकी ली उसकी साइकिल पंचर हो गई मैरिज हॉल के बिल्कुल सामने फिसिस करके हवा निकल गई इसका दिमाग खराब बोला यह क्या है उसने सोचा कि चलो अब उतर के घसीट के लेके जाऊंगा साइकिल अपने घर तक कि इतने में इसको उस मैरेज हॉल के

अंदर से आवाज आई लिटरली एक बहुत ही अजीब सी हंसने की आवाज सुनाई दी इसने बोला साला यह क्या था एक मिनट रुकता हूं भला वो रुक गया फिर से एक और आवाज आई और यह आवाज सुनके यह कंफर्म हो गया कि ये किसी भूतू के हंसने की आवाज नहीं है ये 100% कोई आदमी है जो कि ऐसे ही लोगों के मन में डर बैठा रहा है कि लोग डरे रहे और वो इस मैरेज हॉल में कब्जा जमा कर बैठ जाए हो सकता है कोई बाहर गांव का होगा रहने बहने को घर भ नहीं होगा व यहां पर आकर अपना बोरिया बिस्ता जमा लिया होगा अपने परिवार वालों के साथ और गांव के लोगों को फालतू अजीब अजीब आवाजें निकाल के उस परिवार के ( aap dekh rahe chudail ki kahani)

लोग डराते हैं कि कोई मैरिज हॉल तक पहुंची ना पाए और उनका कब्जा बना रहे इस मैरिज हॉल को जो अच्छा खासा था यार एक टाइम पे भूतिया बनाकर रख दिया उस परिवार ने उसके दिमाग में बिल्कुल यही आया उसके दिमाग ने पूरा इंकार कर दिया यह मानने से कि यह किसी भूत की आवाज है वो बिल्कुल न हसने वाली आवाज लगी थी इसने बोला मैं जाता हूं और अपने सारे दोस्तों से बात करता हूं सारे गांव वालों से बात करता हूं अब वो जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी घर तरफ गया उसने देखा कि सारे दोस्त लोग उसके पटाखे फोड़ने में मशगूल है अलग-अलग कार्यक्रम करने में मशगूल है उने सोचा अभी नहीं कल बात करूंगा

अब अगला दिन निकला अगले दिन उसने सबसे पहले डिसाइड किया कि मैं अपने एक दोस्त अमन से बात करता हूं और फिर देखता हूं कि आगे क्या करना है लेकिन जब तक उसने अमन को फोन किया तब तक उसके दिमाग में एक और बत्ती जल गई उसने सोचा किसी से बात क्या करना बात तो ना जाने कितने समय से उस मैरिज हॉल के बारे में हो रही है मैं करूंगा प्रूफ अमन से बात करता हूं और अमन को लेकर जाता हूं उस मैरिज हॉल में उसको भी दिखाऊंगा और उसके जरिए पूरी दुनिया को बतावा हंगा कि देखो वो भूतिया नहीं है वहां पर कोई इंसानों का डेरा डला हुआ है या तो कोई नशेड़ी फसडी वहां पर हरकतें

करते हैं कि कोई वहां पर पहुंच ना पाए इसलिए डराने की कोशिश करते हैं गांव वालों को आवाज निकाल निकाल के अमन को उसने दिवाली की अगली रात फोन किया और सारी बात बताया और बोला कि यार अमन अपन को चलना पड़ेगा आज नहीं कल रात चल और वहां पर अपन चलके पूरा इन्वेस्टिगेशन करते हैं और दुनिया को बता डालेंगे कि देखो कोई भूत भूत नहीं है जो भी होगा उसके बाल खींच के बाहर निकालेंगे हमारे गांव को बदनाम कर रहे है करके अमन बोलता है देख भाई हम कोई सीआईडी ऑफिसर नहीं है जो इन्वेस्टिगेशन करेंगे अगर लोगों की बात में 1 पर की भी सच्चाई निकली कि वहां पे भूत प्रेत है तो

मैं रिस्क नहीं लेना चाहता जिंदगी भर की मनुष्य फैल जाएगी मुझे नहीं जाना है कोई इन्वेस्टिगेशन नहीं करना है दुनिया को मानना है मानने दे मैं भी मानता हूं और तू भी मान ले भलाई इसी में है दिमाग में डाल ले वह जगह भूतिया है राघव दुनिया भर की बातें अमन को बोला अमन नहीं माना फिर राघव साइकिल उठाकर अमन के घर पर पहुंच गया और उसे कसम मसम चढ़ाने लगा अमन ने बोला तू कभी सुधर नहीं सकता यार ठीक है चलते हैं कल राघव बोलता है कल जाने के लिए नहीं आया हूं अमन बोलता क्या कर रहा है राघव बोलता है आज ही जाना है अब तूने ऐसी ऐसी बातें बोल दिया ना साले मेरे मन में

क्यूरिसिटी जाग गई है कल का जाता मैं आज जाऊंगा और तुझे आज लेकर जाऊंगा सच्चा दोस्त है तो चलेगा अब अमन और राघव सचमुच में बहुत पक्के वाले दोस्त बहुत वाले घनिष्ठ लूटिया मित्र थे एक दूसरे के अवन बोलता है ठीक है चलते हैं उसने भी अपनी साइकिल उठाया और निकल पड़े उस तरफ वो जैसा यह मैरिज हॉल है मैरिज हॉल के सामने एक बड़ा गेट है लोहे का वो गेट लॉक्ड है ना जाने कब से लॉक था लेकिन लॉक्ड था राघव बोलता है कूद के चलना पड़ेगा अमन ने बोला ठीक है कूद लेते हैं अब इतना आ गए हैं मौत के मुंह के सामने आ गए तो अंदर भी चल लेते हैं वो गेट चड़े और जैसे अंदर कूदे उन्हें

फिर से हंसने की आवाज सुनाई दी राघव बोलता देख देख देख देख सुना तूने मैंने बोला था नाय किसी इंसान के हंसने की आवाज है ऐसा कोई भूत हंसी ही नहीं सकता और अमन तो ऐसा कांपने लगा था ठंड का मौसम वैसे ही था डर के कांपने लगे अमन बोला यार देख तेरे बोलने पर तेरे कसम देने से दोस्ती की इज्जत रख के मैं यहां तक तो आ गया हूं लेकिन यहां से अंदर नहीं जाऊंगा मैं इस मैरेज हॉल के प्रेमास में जरूर खड़ा हूं लेकिन अंदर तू ही जा पता नहीं आज किसकी बारात लगी होगी राघव बोलता साले तू फट्टू का फट्टू ही रहेगा मैं जाता हूं अंदर और बाल खींच के बाहर निकालू अंदर जो कुछ भी

हरकत कर रहा है फिर तुझसे तो बाद में निपट लेकिन तब तक तू यहीं पर खड़े रहना यह बोलता है हां खड़े रहूंगा तू ही जा मैं नहीं जा रहा और इतना तो था अमन के अंदर कि वो वहां पर खड़े रह गया राघव अपने दोस्त को पीछे छोड़ के मैरेज हॉल की तरफ बढ़ा प्रेमास के अंदर ही है अभी भी अमन गेट कूद के अंदर आ चुके हैं लेकिन यह हॉल है हॉल का एक मेन दरवाजा है मेन दरवाजा को जैसे इसने खोला ना और अंदर एक कदम बढा है तो घट से वापस से दरवाजा बंद हुआ और मन बाहर फिर से डर गया शिट बोला यह क्या हुआ राघव तो नॉर्मली अंदर घुसा था नॉर्मली आराम से दरवाजा खुला था लेकिन जैसे ही वो अंदर बढा

धड़ से दरवाजा कैसे बंद हुआ अमन को बिल्कुल समझ में नहीं आया लेकिन राघव के अंदर से कुछ आवाज भी नहीं आ रही थी एक बात और बता दूं राघव और अमन दोनों के पास एक एक टॉर्च था और दोनों के पास मोबाइल नहीं था क्योंकि अर्जेंट अर्जेंट में अनमन घर के बाहर ही बाहर से आ गया था और राघव भी एकदम अर्जेंसी में निकला था उसको पता नहीं कौन सी जल्दी छा गई थी दुनिया में राघव अंदर चले है 1015 मिनट बीत गए हैं उसके अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही यह ठंड और डर के मारे काप रहा है इसको कुछ समझ में नहीं आ रहा है मैं क्या रिएक्ट करूं क्या करूं यहीं पर खड़ा रहू घर चले जाऊ कि अंदर जाऊं

राघव राघव चिल्लाओ कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि इतने में 15 मिनट हो चुके थे अमन को एक खुस बसाने की आवाज सुनाई देती है हमन ऐसा करके देखता है कोई भी नहीं था उतने में बाहर तरफ कुछ कुत्ते होंगे या भेड़िया नहीं मालूम जोर जोर से जोर जोर से रोने लगते हैं यह माहौल को और भी ज्यादा डरावना बना देते हैं ना जाने ढेर सारे कौओ की टोली एक साथ आके झरझर र करके अमन के सर के ऊपर मंडराने लगती है अमन यह भेड़ियों की आवाज ये खुस फुसा की आवाज और ये झरझर हुए ढेर सारे कौआ की तरफ फोकस कर ही रहा था कि इतने में अमन को इस वाले कान में आवाज

सुनाई देती है अपनी जान प्यारी है तू यहां से भाग जा ये आवाज लिटरली बहुत ज्यादा डरावनी थी हद से ज्यादा डरावनी अने बहुत जोर से चिल्लाया राघव और अंदर से भी राघव ने उसी मूमेंट में अमन करके चिल्लाया अमन को नहीं मालूम राघव के साथ क्या हुआ जो अंदर राघव है उसको भी नहीं मालूम अमन के साथ क्या हुआ है लेकिन अब अमन ने बेहतर समझा कि मैं अंदर भागता हूं राघव की तरफ क्योंकि मैं यहां बाहर फस गया हूं ना जाने इतने सारे भेड़िया कुत्ते कहां से आ गए ना जाने ये कौए कहां से उठ रहे और ना जाने मेरे कान में कौन फुसफुस रहा है जो दिख नहीं रहा है

और अंदर राघव के साथ भी कुछ हुआ है हमन अंदर तर भागा दरवाजा खोल के बिल्कुल अंदर टॉर्च चालू कर लिया है और अब कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हो रही अंदर जाले वाले लगे हु एकदम गंदगी गंदी सी स्मेल आ रही है अंदर का माहौल और भी ज्यादा ठंडा है जितना बाहर ठंडा था उससे कई गुना ज्यादा ठंडा इतने में अमन को छन छन छन करके पायल की आवाज सुनाई दी अमन घबरा गया और इधर-उधर देखने लगा कहां भागू कहां भागू क्या मन को एक पुराना सा कवाट दिखा कवाट सिंगल वाला उस तरफ भागा बोला कबाड़ के पीछे छुप जाता हूं वो जाकर छुप गया छन छन छन करके एक अंदर वाले कमरे से एक औरत बाहर आई व औरत

के हाथ खाली नहीं थे उस औरत के हाथ में कुछ तो था उसने एक हाथ से अपना मुंह दबा लिया औरत की शक्ल पूरी दिखाई नहीं दे रही थी लेकिन हां औरत बड़ी अजीब तरीके से चल रही थी बाल लंबे लंबे से थे और कुछ इस प्रकार से आगे चल रही थी कुस दत में क्या था अमन टॉर्च मार के नहीं देख सकता था इतनी ताकत उसके अंदर नहीं थी कितने में औरत एक टूटी हुई खिड़की के सामने और बाहर एक स्ट्रीट लाइट चल रही थी उसकी रोशनी हल्की हल्की अंदर आ रही थी व स्ट्रीट लाइट से समझ में आया कि औरत के हाथ में तो एक टांग है इंसानी पैर का आधा हिस्सा व औरत खींच खींच के खींच खींच के व जो टांग है

उसकी मास खा रही थी इसका दिमाग काम करना बंद कर दिया बोला शिट मैं जितना डरावना इस माहौल को समझ रहा था उससे भी ज्यादा बहुत ज्यादा खतरनाक यहां पर कुछ हो रहा है अभी सामने वाली औरत भूत है चुड़ैल है पिशाच है या चाहे कोई इंसान है मुझे नहीं मालूम लेकिन अगर मैं इसके आड़े फस गया तो यह टांग की जगह मेरा ये मेरा मेरी गर्दन भी हो सकती है निकल लेता हूं लेकिन निकलू तो निकलू कैसे औरत जिस तरफ मुंह करके खड़ी इसकी ऐसी तैसी वहीं पर तो बाहर जाने का दरवाजा है कितने में अमन की नजर पड़ती है अपने दूसरे साइड में मौजूद एक दरवाजे की तरफ एक संदिग्ध सा

दरवाजा उस दरवाजे में एक अजीब सा अट्रैक्शन था उसने बोला भाड़ में जाए मैं इस दरवाजे की तरफ जाता हूं वह धीरे से उठा वह औरत पूरी फोकस करी हुई थी वो खींच खींच के उस टांग को खा रही थी अन धीरे से उठा और वो दरवाजे खोलने लगा खोलने लगा पीछे उस औरत को देख के कि उस औरत की नजर तो नहीं जा रही है और फाइनली दरवाजा खुल गया और जैसे ही वो दरवाजा खुला बड़बड़ा के मुंह के बल नीचे गिरा अंदर और जैसे वह अंदर गिरा वैसे ही उसकी नजर पड़ती है ढेर सारे कंगलो की तरफ जानवरों के कंगाल आधे खाए हुए आधे सड़े हुए जानवर ढेर सारी मक्खियां वहां पर बिन बिना रही है किसी कंगाल के

बीच में उसको अपना दोस्त राघव दिखाई दिया शिट राघव और शायद वो औरत अभी भी इस तरफ नहीं देखी है राघव के पास गया टॉर्च मारा प्रॉपर्ली देखा तो राघव की एक टांग है ही नहीं और उस समय अमन को समझ में आ गया शिट यार वो औरत के हाथ में जो टांग थी वो राघव की थी देखो अमन थोड़ा हट्टा खट्टा था लंबा चौड़ा था राघव थोड़ा छोटी हाइट का था दुबला पतला था अमन ने तुरंत अपने कंधे में राघव को टांगा और उसे खिड़की दिखाई दी ये तो ग्राउंड फलोर में ही थे ना और खिड़की को तोड़ के कांच की थी धाड़ धाड़ करके हाथ से खून आए चाहे जो भी आए अब जान बचाने

वाली बात है अपनी भी अपने दोस्त की भी धाड़ धाड़ करके तोड़ा और राघव बेहोश है कंधे में टांगा टांगा खिड़की से बाहर कूद ग और जैसे ही ये लोग बाहर गिरे हैं अंदर से शायद उसी चुड़ैल ने बहुत जोर की चीख मारी और वह चीख से अमन का पूरा शरीर झन्ना गया डर के मारे इतना डर उसने जिंदगी में कभी सोचा भी नहीं था कि किसी को लग सकता है उसे ऐसा लगा कि मेरी जान हलक पर आ गई है और इसी कारण से उसे राघव को वहीं पर छोड़ना पड़ा अमन भागा वापस से गेट कूदा बाहर निकला और अपनी साइकिल में सवार हुआ और जाने लगा कि मैं जाता हूं राघव के घर प सारी बात बताऊंगा कि रास्ते में उसे अपने

एरिया के एक भैया दिखे 3035 साल के रहे होंगे भैया ने बोला अरे तू कहां अमन इतना भागे भागे कहां जा रहा है क्या हो गया ठीक तो है ना और अमन ने भैया को सारी बात बता दिया सारी नहीं शॉर्टकट में बताया कि हम लोग उस मैरेज हॉल की तरफ गए थे और राघव के साथ ऐसा ऐसा कुछ तो भी हो गया है भैया ने बोले चल चल चल चल जल्दी और ये दोनों आए हैं भैया ने एक बड़ा सा पत्थर ईट का उठाया और धाड़ धाड़ धाड़ करके वो जो मेन वाला जो गेट था उसका ताला तोड़े हैं बहुत पुराना और बड़ा ताला था इतना बड़ा फाट फाट फाट करके तोड़े हैं और अंदर वहां पर पड़ा हुआ

था खिड़की से बाहर निकाल दिया था ना राघव को अमन ने उठाए हैं दोनों कोई आवाज आवाज की चिंता नहीं की कोई भूत प्रेत की चिंता नहीं की क्योंकि अभी गांव के एक लड़के की राघव की जान बचाना था दोनों को सीधे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे लेकिन बहुत देर हो चुकी थी इसका एक पैर तो रहा ही नहीं फिर राघव के घर वालों को फोन करके भैया ने बुलाए फिर जब राघव के घर वाले आए तो सभी को यह बात कही गई कि राघव रमन घूमने के लिए गए थे रेलवे ट्रैक क्रॉस कर रहे थे और ट्रेन आई और सही समय पर राघव ट्रेन क्रॉस नहीं कर पाया और एक टांग वैसे चली गई और एक टांग कहां गई ऐसा कुछ नहीं मालूम बोले

घरवालो से हद से ज्यादा डाट पड़ी अमन और राघव दोनों को और फाइनली आज तक यह पछतावा लेकर घूम रहे हैं कि ना हम उस रात अपने घर से बाहर निकले होते ना राघव की बात को समझे होते ना राघव की टांग इस प्रकार से गई होती जिंदगी नॉर्मल बिताने की कोशिश कर रहा है राघव लेकिन आप ही खुद सोचो कि अब उसकी जिंदगी नॉर्मल रह पाएगी इसलिए हमेशा कहता हूं ऐसी चीजों में उंगली मत करो जान प्यारी है शरीर प्यारा है परिवार प्यारा है ना तो ऐसी चीजों से 10 हाथ दूर रहो कोई बोल दे कि ये जगह भूतिया है मानते हो या नहीं मानते हो हां भाई अच्छा भूतिया है

ठीक है ठीक है कोई बात नहीं हम दूसरे रास्ते से चलेंगे ऐसा वाला बिहेवियर रखो तो खुश रहोगे जिंदगी में नहीं तो आपको नहीं मालूम आपका जहां पे सोच आपकी जहां पे ताकत खत्म होती है ना वहां पे पैरानॉर्मल वर्ल्ड पैरानॉर्मल एंटिटीज की शक्तियां शुरू होती है इसी एक नोट के साथ इस कहानी का अंत करता हूं वैसे यह कहानी की जानकारी मुझे पूरी अमन के थ्रू प्राप्त हुई है और अमन के हिसाब से मुझे यहां पर किरदारों का नाम बदलना जरूरी था क्योंकि आप समझ रहे हैं कि यह मामला कितना ज्यादा संगीन था तो मैंने नाम बदला अमन और राघव रियल नाम नहीं

है लेकिन बाकी सब कुछ रियल है बस इसी एक नोट के साथ इस कहानी का अंत करते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *